Thursday, 25 August 2016

शटिंग के लिए स्टेशन पर तैनात होंगे लोको पायलट

Publish Date:Thu, 25 Aug 2016 

यार्ड से प्लेटफॉर्म पर ट्रेन प्लेस करने के लिए लोको पायलटों की खोज करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। ट्रेन के आने से पहले ही प्लेस करने के लिए लोको पायलट तैनात रहेंगे।

मुजफ्फरपुर। यार्ड से प्लेटफॉर्म पर ट्रेन प्लेस करने के लिए लोको पायलटों की खोज करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। ट्रेन के आने से पहले ही प्लेस करने के लिए लोको पायलट तैनात रहेंगे। सोनपुर मंडल ने ट्रेनों की शटिंग करने के लिए 24 लोको पायलट को शंटर द्वितीय में प्रोन्नति कर सूची जारी कर दी है। इन कर्मियों को स्टेशन निर्धारित कर तैनाती कर दी गई है। जानकारी के अनुसार प्रोन्नति पाने वाले प्रवर सहायक लोको पायलट अभिषेक रंजन, सचिन कुमार, शोभा कुमारी, बिरबल कुमार राम, राम प्रमोद सिंह, बरौनी के प्रवर सहायक लोको पायलट संजीव कुमार, सर्देश सिंह, अजित कुमार, मणिकांत, शंकर सिंह, राजीव कुमार, सुजीत कुमार द्वितीय, सोनपुर के प्रवर सहायक लोको पायलट सदा कल्याण त्रिपाठी, पशुपति, शिवशंकर शर्मा, उदय कुमार सिंह, रंजन कुमार प्रथम शामिल है। सोनपुर मंडल के सहायक कार्मिक अधिकारी अनूप कुमार सिन्हा की मानें तो प्रवर सहायक लोको पायलट को लोको पायलट शंटर ग्रेड द्वितीय में प्रोन्नति कर लिस्ट जारी कर दिया गया है।

Sunday, 21 August 2016

रेल ट्रैक पर फंसा लोडर, लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर टाला हादसा

अमर उजाला ब्यूरो/फैजाबाद
Updated Fri, 19 Aug 2016 

फैजाबाद में रेल ट्रैक के किनारे पड़ा लोडर।PC: अमर उजाला


शहर से सटे अबूसराय में ओवरब्रिज के नीचे रेल ट्रैक पर गुरुवार रात एक लोडर फंस गया। इसी दौरान नजदीक आ रही सियालदह एक्सप्रेस ने हॉर्न दिया, मगर लोडर टस से मस नहीं हुआ। इस पर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तो उसके तेज झटके से यात्री सहम उठे।

लेकिन ऐन वक्त पर पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। बाद में ट्रेन के यात्रियों ने खुद नीचे उतरकर लोडर को धक्का देकर ट्रैक साफ कराया। जम्मू से कोलकाता जा रही सियालदह डाउन एक्सप्रेस गुरुवार रात 9.35 बजे सलारपुर रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी।

पांच मिनट चलने के बाद चालक को अबूसराय फ्लाईओवर के पास ट्रैक पर लोडर खड़ा दिखा। हॉर्न बजाने के बाद लोडर नहीं हटा तो लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। इससे ट्रेन में लगे तेज झटके से यात्रियों में कोहराम मच गया। लोग कूदकर हकीकत जानने के लिए इंजन की ओर दौड़े।

जबकि बच्चों के साथ महिलाएं नीचे उतरने को परेशान रहीं। लोको पायलट व गार्ड ने मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को दी। तत्काल दो किमी. दूर मौके पर फैजाबाद जंक्शन से अधिकारियों का दल पहुंचा तो देखा कि ट्रैक पर लोडर फंसा हुआ है। मौके पर वाहन का चालक नहीं था।

अधिकारी क्रेन मंगाने का बंदोबस्त कर रहे थे, तभी गुस्साए यात्रियों ने खुद ही लोडर को ट्रैक से बाहर धकेल दिया। बाद में सूचना पर आरपीएफ के एसआई मौके पर पहुंचे और लोडर को क्रेन से उठवाकर आरपीएफ पोस्ट पर ले गए। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। लोडर अयोध्या के तुलसीनगर निवासी विद्याभूषण पांडेय का बताया जा रहा है।

Monday, 8 August 2016

न चालकों और गार्ड के रनिंग अलाउंस कोई कटौती नहीं होगी

जमशेदपुर, संवाददाताFirst Published:31-07-2016




ट्रेन चालकों और गार्ड के रनिंग अलाउंस में किसी तरह की कटौती नहीं होगी। केंद्र सरकार ने गजट जारी कर यह घोषणा की है। दक्षिण-पूर्व जोन ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री पारस कुमार ने टाटानगर में यह जानकारी दी। इससे टाटानगर व आदित्यपुर समेत दक्षिण-पूर्व जोन के चार मंडलों (चक्रधरपुर, रांची, आद्रा व खड़गपुर) के 61 सौ से अधिक ट्रेन चालकों को राहत मिलेगी।

मई से चल रहा था आंदोलन 
ट्रेन चालक रनिंग अलाउंस में कटौती की आशंका पर मई से आक्रोशित थे। रेलवे बोर्ड ने इस मुद्दे पर इंपावर कमेटी का गठन कर 5 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी थी। इससे नाराज ट्रेन चालक देशभर में धरना-प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्र सरकार को एसएमएस व पत्र भेजकर भी विरोध जता रहे थे।

Wednesday, 20 July 2016

प्लेन से कम होगा बुलेट ट्रेन का किराया, 2 घंटे में होगा 508 km का सफर ..

नई दिल्ली. मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन में सफर करने के लिए पैसेंजर्स को प्लेन से कम किराया देना होगा। ये जानकारी रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में प्रश्‍न काल के दौरान दी। इस हाईस्पीड ट्रेन से 508 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 2 घंटे में पूरी हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट 6 साल में.पूरा कर लिया जाएगा। जापान देगा प्रोजेक्ट की 81% रकम... 

प्लेन का नॉर्मल किराया 1600 से 2000 रुपए... 

बता दें कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच प्लेन का नॉर्मल किराया 1600 से 2000 रुपए के बीच है। ऐसे में बुलेट ट्रेन का मिनिमम किराया भी 2000 रुपए के आस पास तय किया जा सकता है।

- बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट की अनुमानित लागत 97,636 करोड़ रुपए है।

- भारत को 81 फीसदी रकम जापान से लोन के रूप में प्राप्‍त होगी।

- बुलेट ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जबकि इसकी ऑपरेटिंग स्पीड 320 kmph होगी।... 

- बता दें कि मौजूदा समय में मुंबई-अहमदाबाद रूट पर दुुरंतो को 508 किलोमीटर तय करने में 7 घंटे लगते हैं।... 

-गतिमान एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो वर्तमान में देश में चलने वाली सबसे तेज ट्रेन है।... 

50 साल के लिए जापान से मिलेगा लोन

- इस प्रोजेक्‍ट के लिए जापान 0.1 फीसदी सालाना इंटरेस्ट रेट पर 50 साल के लिए लोन देगा। 

- लोन एग्रीमेंट के तहत रोलिंग स्‍टॉक और अन्‍य उपकरण जैसे सिग्‍नल और पावर सिस्‍टम का जापान से इम्पोर्ट किया जाएगा।

- लोन एग्रीमेंट पर इस साल के अंत तक साइन हो सकते है।... 

सरकार 200 करोड़ सेंक्शन कर चुकी है

- सरकार अब तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट में 200 करोड़ रुपए सेंक्शन चुकी है। - प्रभु ने इसके पहले भी भारत के अन्‍य मेट्रो सिटीज को भी हाईस्‍पीड रेल नेटवर्क से जोड़ने की बात कही थी । 

21 किलोमीटर अंडर वाटर टनल... 

जैपनीज इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (जेआइसीए) ने बुलेट ट्रेन की प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट भारत को सौंप चुकी है। - रिपोर्ट के मुताबिक, 508 किलोमीटर के इस रूट के बीच 21 किलोमीटर की.अंडर वाटर टनल भी बनाई जाएगी। इस ट्रैक का अधिकतर हिस्‍सा एलीवेटेड होगा।... 

Tuesday, 19 July 2016

कश्मीर रेल संपर्क परियोजना की लागत 1500 करोड़ से बढ़कर 20 हजार करोड़ हुई

नवनीत शरण, अमर उजाला/नई दिल्ली

Updated 11:01 मंगलवार, 7 जून 2016

Kashmir rail link project cost was hiked

कश्मीर रेलवेPC: PTI

राष्ट्रीय महत्व की महत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार कश्मीर तक रेल संपर्क अभी तक अधूरा ही है। इसके लिए बनी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक ( यूएसबीआरएल) परियोजना की लागत 1500 करोड़ रुपये से बढ़ कर 20 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।  

आजादी के बाद रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण योजना में शुमार यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट अब तक लटका हुआ है। इसके तहत कटड़ा-काजीगुंड खंड को अभी पूरा किया जाना है। इस सेक्शन में काजीगुंड से बनिहाल तक तो प्रोजेक्ट पूरा कर लिया गया है, लेकिन, कटड़ा-बनिहाल तक 110 किलोमीटर की पट्टी अभी तक अधूरी है।

इसे 2007 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। संशोधित तिथि दिसंबर 2017 रखी गई थी जो अब बढ़कर 2020 हो गई है। इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर संसदीय लोक लेखा समिति ने कड़ी आपत्ति भी दर्ज की है।

यात्री सुविधा छोड़, सोशल पटरी पर दौड़ रही सुरेश प्रभु की रेल

नवनीत शरण/ अमर उजाला, नई दिल्ली

Updated 04:06 मंगलवार, 24 मई 2016
 केंद्र में राजग शासनकाल के दो साल पूरे होने वाले हैं। सरकार के सभी मंत्रालय अपनी-अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं। रेल मंत्रालय भी अपनी उपलब्धियां गिनाने में पीछे नहीं है। लेकिन रेल यात्री अभी भी कन्फर्म बर्थ नहीं मिलने, पैसेंजर ट्रेन में खड़े होकर सफर करने, खिड़की पर टिकट लेने की जद्दोजहद और जान हथेली पर रखकर यात्रा करने को मजबूर दिखाई पड़ते हैं। इस मामले में यात्री अभी भी अपने को ठगा महसूस करते हैं। हालांकि सफाई व्यवस्था, सोशल नेटवर्किंग साइट से परेशानी दूर होने, अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए मिले प्लेटफार्म, स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा मिलने से खुश भी है।

यह परेशानी नहीं हुईं कम
कन्फर्म बर्थ आज भी परेशानी का सबब
रेलवे बजट की ज्यादातर घोषणाओं पर अमल तो शुरू हो गया है, लेकिन ट्रेनों में आम आदमी की समस्या कम नहीं हुई। मांग के अनुसार आरक्षित टिकट नहीं मिलना सबसे बड़ी परेशानी है। रेलवे का विजन 2020 तक आम आदमी के लंबे समय से चली आ रही आशा को पूरा करना है, जिसमें ट्रेनों में आरक्षित जगह मांग पर उपलब्ध कराना मुख्य है। तत्काल कोटा से भी यात्रियों को राहत नहीं मिली है।

ट्रेनों की सुस्त रफ्तार
बुलेट व सेमी हाई स्पीड ट्रेन की योजना ने गति तो पकड़ी लेकिन ट्रैक पर अभी भी ट्रेन रफ्तार नहीं पकड़ सकी। रेलवे का यह भी कहना है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण, जो 2019 तक होना है, इससे ट्रेनें समय पर चलने लगेगी। क्योंकि माल गाड़ी इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद अलग पटरियों पर चली जाएंगी। रेलवे की इस लंबी योजना को लेकर जन प्रतिनिधि व सांसद से अपने-अपने क्षेत्र की जनता सवाल पूछ रही है। लोकल ट्रेन की रफ्तार के सुस्त होने के कारण भी यात्री परेशान रहते हैं।

जल्द आएगी शताब्दी की तर्ज पर खास चेयर कार ट्रेन

नवनीत शरण/अमर उजाला,नई दिल्ली

Updated 02:52 बुधवार, 15 जून 2016

special electrical multiple unit train
अब ना केवल लंबी दूरी बल्कि कम दूरी की ट्रेनें भी सुविधायुक्त होंगी। कम दूरी की ट्रेनों में भी आप आराम से लेट कर यात्रा कर सकेंगे। बैठने के लिए भी शताब्दी ट्रेन की तरह ही चेयर कार की सुविधा होगी। 

रेलवे मंत्रालय ने आधुनिक इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेन चलाने की योजना बनाई है।

नयी ईएमयू ट्रेन को आरामदायक सफर कराने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। कम दूरी की इस ट्रेन में थकान महसूस नहीं हो इसके लिए स्पेशल कोच की डिजाइन की जा रही है। आम तौर पर लंबी दूरी  की ट्रेन में ही स्लीपर कोच होते है, लेकिन नये ईएमयू ट्रेन में भी स्लीपर कोच जैसा ही तैयार किया जाएगा। इतना ही शताब्दी ट्रेन की तर्ज पर चेयर कार वाले कोच भी तैयार होंगे।

रेलवे का दावा है कि इन ट्रेन सेटो से यात्रा समय में कमी आएगी और इनका यात्रा अनुभव भी बेहतर होगा। रेलवे मंत्रालय के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार जल्द ही 15 ऐसी ट्रेनें अति व्यस्त रूटों पर चला कर पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

कम दूरी की ट्रेन जिसे हर दस मिनट पर एक हॉल्ट या स्टेशन पर रूकती है, इस तरह की रूट पर ईएमयू ट्रेन चलाना फायदेमंद होगा क्योंकि यह ट्रेन तुरंत रफ्तार पकड़ लेते है। जबकि लोको को 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पकडने के लिए 6 मिनट तक का वक्त लग जाते है।

ईएमयू ट्रेन चलने से औसत रफ्तार के साथ ट्रेन चलाई जा सकती है। जबकि पैसेंजर ट्रेन की बात करें तो इसकी औसत स्पीड  30 किलोमीटर प्रतिघंटे ही होती है। स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे कई पैसेंजर ट्रेन को मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (मेमू) में भी बदल रहा है। अभी तक आधा दर्जन लोको ट्रेन को मेमू में बदला गया है।

रेलवे अधकिकारियों के अनुसार  नई दिल्ली-लखनऊ-इलाहाबाद-वाराणी, कानपुर-गाजियाबाद के बीच इनमें से कुछ ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस रूट पर सबसे अधिक ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। 

अब ट्रेन में बिना पानी, बिना बदबू वाला टॉयलेट, मनिपाल यूनिवर्सिटी के छात्र ने बनाया

टीम डिजिटल/ अमर उजाला, दिल्ली
Updated 17:05 शुक्रवार, 17 जून 2016

Student who wins prize for designing waterless, odourless loo for railways
आप सुहाने सफर पर निकलें और ट्रेन में घुसते ही टॉयलेट से आती बदबू का प्रहार झेलना पड़े तो सारा मजा किरकिरा हो जाता है। भारतीय रेल की अच्छे से अच्छी गाड़ियों में टॉयलेट की समस्या आम है। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क के लिए एक छात्र का डिजाइन सौगात लेकर आया है। विनोद एंथनी थॉमस मनीपाल विश्वविद्यालय के छात्र है। रेलवे के लिए विनोद का बनाया पानी और बदबू रहित शौचालय रेलवे को भा गया है।

सबसे तेज ट्रेन तीसरे दिन सुपर हिट

gatiman hit in third day                                              

 नई दिल्ली


तीन मिनट पहले आई गतिमान
गुरुवार को गतिमान आगरा तक 97 मिनट में पहुंच गई। वृंदावन से अझई रेलवे स्टेशन के बीच सिग्नल में दिक्कतों के बाद भी ट्रेन तीन मिनट पहले आगरा पहुंची। करीब 452 यात्री आगरा आए। गतिमान के रेल यात्रियों में पहले दिन से ही बढ़ोतरी हो रही है। पहले दिन गतिमान से चेयरकार में 181 और एग्जीक्यूटिव में 39 यात्री आए थे तो वहीं दूसरे दिन यह आंकड़ा 300 तक पहुंच गया। तीसरे दिन 452 यात्री और वीकएंड पर तो वेटिंग लिस्ट भी शुरू हो गई।

दो भागों में बंटी गरीब रथ्‍ा ट्रेन

engine failed

गुरुवार रात वाराणसी से दिल्ली जा रही गरीबरथ एक्सप्रेस का इंजन ट्रेन से अलग हो गया। इससे यात्रियों में हड़कंच मच गया। हादसे के चलते काफी देर तक रूट बाधित रहा। घंटों मशक्कत के बाद ट्रेन को दूसरे इंजन से गंतव्य को रवाना किया गया।

गुरुवार की रात करीब साढ़े नौ बजे वाराणसी से दिल्ली जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस का इंजन अचानक दांदूपुर गौरा स्टेशन के बीच अलग हो गया और ट्रेन दो भागों में बंट गई। चालक ने पुन: इंजन को बैक कर ट्रेन को जोड़ा और घटना की जानकारी स्टेशन सहित कंट्रोल रूम तक दी। ट्रेन को लाकर दांदूपुर स्टेशन पर खड़ा किया और दूसरे खराब इंजन को अलग किया गया। उसके बाद ट्रेन के डिब्बों को जोड़कर स्टेशन मास्टर आरपी सिंह ने रवाना किया। इस घटना के चलते रूट काफी देर तक बाधित रहा। पीपी पैसेेंजर को गौरा स्टेशन पर एक घंटे से अधिक खड़ रहना पड़ा। गरीब रथ एक्सप्रेस के रवाना करने के बाद ही ट्रेन को लाइन दी गई।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, में वित्तीय वर्ष 2015-16 की अवघि में टिकट चैंिकग के दौरान 1113.37 हजार मामले पाए गए


Press release No. 67508-04-2016
bsp

nf{k.k iwoZ e/; jsyos] esa foRrh; o"kZ 2015&16 dh vof?k esa fVdV pSfadx ds nkSjku 1113-37 gtkj ekeys ik, x,
fcykliqj&07 vizsy] 2016
nf{k.k iwoZ e/; jsyos ds rhuksa eaMyksa fcykliqj] jk;iqj ,oa ukxiqj }kjk le; le; ij  fofHkUu [k.Mks ij l/ku fVdV psfdax vfHk;ku pyk;k x;kA rkfd ;k=k ds nkSjku fVdV /kkjh okLrfod ;kf=;ksa dks fdlh izdkj dh vlqfo/kk dk lkeuk u djuk iM+s ,oa fcuk fVdV ;k=k djus okyks ij Hkh dkjZokbZ dh tk ldsA
foRrh; o"kZ 2015&16 esa ¼vizSy] 2015 ls ekpZ] 2016½ rd ds 12 ekg esa fcuk fVdV ;k=k] vfu;fer fVdV] fcuk cqd fd;s x;s yxst vkfn ds 1113-37 gtkj ekeys idM+ss x,] ftuls crkSj tqekZuk o HkkM+k ds rkSj ij 2174-97 yk[k :Ik;s olwys x,A tcfd fiNys foRrh; o"kZ 2014&15 ds blh vof/k esa 995-14 gtkj ekeyksa ls 1910-93 yk[k #i;s crkSj tqekZuk o HkkM+k olwys x, FksA bl izdkj fcuk mi;qDr fVdV ,oa tqekZus esa dze'k% 11-88 izfr'kr ekeys ,oa 13-82 izfr'kr ds vf/kd jktLo dh o`f) ntZ dh xbZA
blh izdkj foRrh; o"kZ 2015&16 esa ¼vizSy] 2015 ls ekpZ] 2016½ rd 12 ekg esa nf{k.k iwoZ e/; jsyos }kjk 1288-25 yk[k ;kf=;ks dks lqjf{kr vius xarO; rd igqpk;k x;k rFkk mijksDr ;kf=;ks ls HkkMs ds :Ik esa 903-60 djksM :Ik;s dk jktLo izkIr fd;k] tcfd foxr foRRkh; o’kZ 2014-15 esa ;k=h HkkMk ds :Ik esa 865-58 djksM :Ik;s vfTkZr fd;k x;k FkkA bl izdkj foxr foRRkh; o’kZ dh rqyuk esa 2015-16 esa ;k=h HkkMk ds :Ik esa 4-19 izfr”kr vf/kd jktLo izkIr fd;kA
;kf=;ksa ls ;g vuqjks/k djrk gS fd vuko”kd fdlh Hkh vlqfo/kk ls cpus ds fy, ges'kk mfPkr fVdV ds lkFk gh ;k=k djsa rFkk fu;ekuqlkj cM+s lkekuksa dks cqfdax dj ds gh ;k=k djsA


(Santosh Kumar )
Sr. Public Relations Officer

Saturday, 16 July 2016

स्टेशन मास्टर नशे में धुत, 45 मिनट अटकी रही ट्रेन

Published: Sat, 02 Apr 2016


जयपुर। राजस्थान भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 3 किलोमीटर दूर बाडमेर के मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर शनिवार को नशे में धुत स्टेशन मास्टर की वजह से एक लोकल ट्रेन करीब पौन घंटे तक सिग्नल के इंतजार में खड़ी रही।

स्टेशन मास्टर को निलंबित कर दिया गया है। यह लोकल ट्रेन जोधपुर से यात्रियों को ले कर मुनाबाब पहुंचती है।

सिग्नल नहीं मिलने के कारण यह ट्रेन स्टेशन से 25 किमी दूर खड़ी हो गई। काफी समय तक सिग्नल नहीं मिला और खबर रेलवे के कर्मचारियों को लगी तो वे स्टेशन मास्टर रामू राम के कमरे में गए। कमरा अंदर से बंद था।

कमरे की खिड़की तोड़कर स्टेशन मास्टर को जगाया गया, लेकिन शराब के नशे में वह इतना धुत था कि उसे कोई होश ही नहीं था।

रेलकर्मियों ने उसके मुंह पर पानी डाला तो उसे होश आया। इसके बाद स्टेशन मास्टर जैसे तैसे कंट्रोल रूम गया लेकिन जैसे ही उसने रूम का दरवाजा खोला वह फिर गिर पड़ा।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भेजा रेलवे बोर्ड को नोटिस

Published: Thu, 31 Mar 2016

नई दुनिया

भोपाल(ब्यूरो)। पानी पीने को लेकर ट्रेन में युवक की बेहरमी पिटाई के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार, प्रदेश के डीजीपी सुरेंद्र सिंह व रेलवे चेयरमैन को नोटिस जारी किया है। ये घटना जबलपुर से इटारसी के बीच 25 मार्च को हुई थी।

आयोग ने नवदुनिया में प्रकाशित खबरों को स्वत: संज्ञान में लेते इसे अतिगंभीर ठहराया और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, जीआरपी इटारसी की लापरवाही पर मध्यप्रदेश सरकार और डीजीपी सुरेंद्र सिंह को चार सप्ताह में जवाब देने को भी कहा है।

आयोग ने ये भी सवाल उठाया है कि कैसे जबलपुर से इटारसी के दौरान ट्रेन में किसी भी आरपीएफ जवान की नजर में यह मामला ना तो सफर के दौरान आया और ना ही स्टेशन पर। वहीं स्टेशन पर भी युवक की बेरहमी से पिटाई के दौरान जीआरपी इटारसी की लेटलतीफी पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

Tuesday, 12 July 2016

फॉलोअप ! दक्षिण रेलवे मजदूर यूनियन : मान्यताप्राप्त ट्रेड यूनियन या माफिया??

01-04-2016 

सात महिलाओं को चार्जशीट, निलंबन वापस, 8वीं ने गलती स्वीकारी, मुख्य आरोपी फरार
सीपीओ और एसडीजीएम की आज रेलवे बोर्ड में पेशी, जल्दी ही उनका बाहर जाना निश्चित
फर्जी शारीरिक शोषण के आरोपों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने की तैयारी
यदि अभी यूनियन पर काबू नहीं किया गया, तो कभी अपनी गर्दन नहीं उठा सकेगा रेल प्रशासन
- सुरेश त्रिपाठी, संपादक रेलवे समाचार
दक्षिण रेलवे में प्रशासन और यूनियन के बीच पिछले करीब 15-20 दिनों से चल रहे घमासान पर स्थानीय अखबारों में प्रकाशित खबरों के बावजूद चूंकि मामला चेन्नई तक सीमित था, इसलिए रेलवे बोर्ड और अन्य जोनल रेलों के अधिकारियों को बहुत कुछ मालूम नहीं हो पाया था. परंतु 29 मार्च को ‘दक्षिण रेलवे मजदूर यूनियन : मान्यताप्राप्त ट्रेड यूनियन या माफिया?’ शीर्षक से ‘रेलवे समाचार’ द्वारा अपनी वेबसाइट पर विस्तृत खबर प्रकाशित किए जाने के बाद रेलवे बोर्ड सहित सभी जोनल रेलों के अधिकारी इस पूरे मामले से बखूबी वाकिफ हो गए और तब जाकर रेलवे बोर्ड पर सक्रिय होने का भारी दबाव बना. इसके परिणामस्वरूप अगले ही दिन दक्षिण रेलवे के सीपीओ और एसडीजीएम को दिल्ली तलब कर लिया गया.
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी (सीपीओ) स्वामीनाथन और वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (एसडीजीएम) आर. मुकुंदन को ‘रेलवे समाचार’ की उपरोक्त शीर्षक खबर के तुरंत बाद गुरूवार, 31 मार्च, यानि आज रेलवे बोर्ड में तलब किया गया है. सूत्रों का यह भी कहना है कि अब इन दोनों अधिकारियों का दक्षिण रेलवे से बाहर तबादला निश्चित है. सूत्रों का कहना है कि इनके ट्रांसफर आदेश आज ही जारी हों, या फिर हप्ते भर बाद, मगर इनका दक्षिण रेलवे से बाहर जाना अब सुनिश्चित हो चुका है. सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड को भी अब यह लगभग पूरा विश्वास हो चुका है कि रेल प्रशासन और यूनियन के बीच विवाद को बढ़ाने अथवा हवा देने तथा निर्धारित समयांतराल पर रेलकर्मियों एवं अधिकारियों के ट्रांसफर करने के मामलों में सीवीसी एवं रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों को लागू नहीं कराने के लिए यह दोनों अधिकारी ही पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, यदि इस मामले में इन दोनों की यूनियन के साथ मिलीभगत और प्रशासन के साथ भीतरघात नहीं होती, और यदि यह दोनों अधिकारी निर्धारित नियम-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराते, तो यूनियन और प्रशासन के बीच औद्योगिक संबंधों को इतना नुकसान नहीं पहुंचा होता.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन 9 महिला रेलकर्मियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी और जिन्हें घटना के दूसरे ही दिन निलंबित कर दिया गया था, उनमें से सात महिला कर्मियों ने न सिर्फ लिखित रूप से अपनी गलती स्वीकार कर ली है, बल्कि अपने बेजा कृत्य के लिए रेल प्रशासन से माफी भी मांगी है. तथापि, उन्हें बुधवार, 30 मार्च को चार्जशीट थमाते हुए उनका निलंबन खत्म कर दिया गया है. हालांकि 8वीं महिला ने फिलहाल लिखित में तो कुछ नहीं दिया है, बल्कि स्वयं को छिपाए रखकर उसने जो बातचीत अपनी सहयोगियों से की थी, उसकी रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया में घूम रही है. जिससे स्पष्ट है कि वह भी अपनी गलती स्वीकार कर रही है. प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जिस दिन वह ड्यूटी ज्वाइन करने आएगी, उसी दिन उसे चार्जशीट देकर उसका भी निलंबन वापस ले लिया जाएगा. इस सबके अलावा मुख्य आरोपी, जो कि यूनियन की पदाधिकारी बताई जाती है और जिसके नाम से यूनियन ने सीसीएम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है, फरार है. सूत्रों का कहना है कि उसके बारे में प्रशासन ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है.
पुलिस ने इस बात को स्पष्ट किया है कि जिस एनी रेगिना नामक महिला के नाम से सीसीएम के खिलाफ शिकायत की गई है, वह खुद पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत लेकर नहीं आई थी, बल्कि द.रे.म.यू. का एक पदाधिकारी उक्त लिखित शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन आया था. पुलिस का यह भी कहना है कि उक्त महिला अब तक एक बार भी पुलिस के सामने नहीं आई है और न ही उसका कोई संपर्क पुलिस से हो पा रहा है, क्योंकि महिला ने शिकायत में अपना कोई संपर्क नंबर नहीं लिखा है. इससे मामले की जांच कार्रवाई भी अब तक आगे नहीं बढ़ पाई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कथित फर्जी शिकायत में महिला ने सीसीएम के विरुद्ध आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘सीसीएम ने उसके साथ ‘तुम्हारी शक्ल-सूरत ही ऐसी बनी हुई है कि तुम्हारी तरफ तो कोई आदमी देखेगा भी नहीं, जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए उसका शारीरिक शोषण भी किया.’
हालांकि व्यंग्य में जानकारों का कहना है कि 15-20 फुट दूर बैठकर कोई अधिकारी किसी महिला का शारीरिक शोषण कैसे और किस तरह कर सकता है, और यदि वास्तव में ऐसा हो सकता है, तब तो ऐसे अधिकारीगण अवश्य ही ‘वेदव्यास’ के खानदानी होंगे!! उनका कहना है कि ऐसे ही बेसिर-पैर के आरोप लगाकर अब तक रेल प्रशासन और कई अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जाता रहा है, और अब तक न सिर्फ कई अधिकारियों का कैरियर खराब किया जा चुका है, बल्कि उन्हें तमाम जिल्लत झेलते हुए चेन्नई से बाहर ट्रांसफर भी झेलना पड़ा है.
इस संदर्भ में सूत्रों ने एक अत्यंत विश्वसनीय जानकारी देते हुए बताया कि द. रे. में कुछ खास और गिनी-चुनी महिला कर्मियों का गैर-इस्तेमाल करके अब तक निर्बाध चली आ रही यूनियन की इस ब्लैकमेलिंग के खिलाफ जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल किए जाने की तैयारी की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि जिस तरह दहेज़ विरोधी कानून की धारा 498-ए के खिलाफ मुहिम की शुरुआत चेन्नई से हुई थी और मद्रास हाई कोर्ट ने इस पर ऐतिहासिक फैसला दिया था, जिसकी पुष्टि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी कर दी थी, उसी तरह इस तथाकथित ‘शारीरिक शोषण’ के खिलाफ भी शुरुआत चेन्नई से ही होने जा रही है. उनका यह भी कहना था कि इसके साथ ही न सिर्फ रेल प्रशासन की सारी लाचारी या नपुंशकता खुलकर सामने आ जाएगी, बल्कि यूनियन की मनमानी और उसके पदाधिकारियों द्वारा अब तक कमाई गई अकूत संपत्ति की भी कलई खुल जाएगी.
इस दरम्यान पता चला है कि यूनियन का शीर्ष पदाधिकारी (पूर्व पार्सल पोर्टर), जो कि हमेशा स्कार्पियो अथवा मर्सडीज बेंज या ऐसी ही किन्हीं अन्य महंगी कारों पर द.रे. मुख्यालय में आता-जाता था, वह बुधवार, 30 मार्च को अपने एक कार्यकर्ता की स्कूटर में पीछे बैठकर किसी बहुरूपिये की तरह चोरी-छिपे महाप्रबंधक को मिलने और उनसे यह कहने गया था कि वह अपना व्यक्तिगत हस्तक्षेप करके इस मामले का कोई सम्मानजनक हल करवाएं. परंतु सूत्रों का कहना है कि महाप्रबंधक वशिष्ठ जौहरी ने न सिर्फ उसे शालीनतापूर्वक भगा दिया, बल्कि इस मामले में कोई हस्तक्षेप करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि वह इस पर अपने अधिकारियों के पक्ष में खड़े हैं.
जानकारों का मानना है कि यह सही समय है जब रेल प्रशासन द्वारा इस पूर्व पार्सल पोर्टर की नाक दबाकर यूनियन की मनमानियों पर लगाम कसी जा सकती है, और यदि अब भी रेल प्रशासन इस काम में कोई कोताही बरतता है, तो न सिर्फ हमेशा के लिए वह रेल प्रशासन पर हावी हो जाएगा, बल्कि फिर न तो कोई अधिकारी और न ही खुद रेल प्रशासन कभी उसके सामने अपनी गर्दन उठा सकेगा. जबकि जानकारों ने ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन को अपनी छवि बचाए रखने के लिए फिलहाल इस मामले से एक निश्चित दूरी बनाए रखने की सलाह दी है.